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Showing posts from February, 2019

ओ! 21वीं सदी के युवा!

सब लोग मरे हुए हैं सभी अध्यापक, नेता और भगवान सभी छात्र, अनुयायी और भक्त पूरा सिस्टम मरा हुआ है सरकारों से बू आ रही है, एक मुर्दा उदासी फैली है हर जगह! अरे तुम तो जागो ओ! 21वीं सदी क...

Darkness

Far far from engines This pleasing melody The melody of brooding mountains They have embraced the darkness; Does it panic you? No mate, It's tranquilizing far away from crowd. The shattered you Look for this lovely darkness It soothes; Crowd has a darkness The crowd preparing Conspiracy for you. People carry darkness within The people with fake faces You look for solitude It's a darkness then A pleasant darkness. The whisper of this dusk breeze You close your eyes And I feel the placid warmth within. I stay with this This darkness mate Keeps me close to mine The illuminating darkness With a bright face of light. Feb,10, 2019 Copyright @ D. B. 'Anpadh'

आवाज।

वो लालटेन तो नहीं लगती पर कुछ रौशनी सी है तुम्हे क्या लगता है उस पहाड़ी पर कोई लालटेन लिए होगा? इस घने अंधेरे में वो जो साये दिखते हैं बड़े पेड़ों के तुम उनसे मिले हो कभी? कहीं भी ...

जिस खूँटे पर।

उसने बताया कि बहुत ज्यादा दर्द है मन होता है कि मरना बेहतर है कोई कपड़ा बहुत कसकर लपेटती है पेट पर बांधती है कि अहसास कम हो दर्द का कि फिर जंगल की तरफ घास काटने जाना है और बहुत ...

दीवार पर टंगे हुए ख़्वाब।

किसी भी दिशा से एक कतरा भी रौशनी का आंखों के पटल पर टिकता नहीं है, स्याह समन्दर में सूनी नाव पर छः मुर्दे हैं जिनके पाँव लटकते हैं नीचे और नाव बगैर हिले डुले किसी किनारे को खो...

धुआँ बनकर कल।

ये पर्दा अभी नहीं गिरने वाला क्योंकि नब्ज़ लेती है साँस जो कि धुँआ बनकर कल चुभती रही आंखों में और खून के कतरे मिलते रहे सभी वक़्त के सायों से मरने की ख्वाहिशों का जीने की बदौल...

Beyond Doorsteps

Beyond, Autumn, spring And all eye-dazzling colours Baffled you would be The scattered heart, Not seasons I speak Inside, Power, realization And all energizing moods Enlightened you would be The delighted heart. Go beyond your doorsteps there are numerous things to catch your eyes, go inside of yours you would be concentrated. 08 feb 19

Truth!

Truth! never has been a truth, it is just an opinion that befriends all the elements of ambience. Truth! We may not go We really are unaware Truth! If nothing is a lie If nothing is a truth Then what That exists? Truth! Am I a truth? Or Are You a truth The life goes on and Truth! remains A mystery Forever. Copyright @ Anpadh's Poetry

Shepherd's Flute

Is it a flute, I think Love calls me The voice or the sound, Shepherd, No I do not see Dark the night Darker the days are And seem the darkest Those torchbearers Ah! Melody Love I realize the touch of a Magic in the melodic flute of hilly shepherd. 2 feb 19 Copyright @ 'Anpadh'

लोकतंत्र के सर पर।

लटकी हुई हैं आँखे भटकती हैं चौराहे पर पीठ में लटकाकर एक झोला बड़ा सा जिसमें लोकतंत्र हो सकता है संविधान हो सकता है धर्म हो सकता है पूजा हो सकती है, इबादतें हो सकती हैं, खाक हुई ...

सृजन की स्याही।

छिड़क दो स्याही अपने ख़यालात की एक सादे कागज पर; नम है जब तलक तो कैनवास पर कागज के एक चित्र उकेरो शब्दों का। कोशिश करो कि उभर के आये सिर्फ अनुभूति का चेहरा; किसी दबाव की शक्ल कुछ...

टूटे हुए कतरों को सिलता हूँ।

इस पुराने उधड़े हुए फटे और चोटिल कोट को जिस तरह सिलता हूँ मैं, ठीक वैसे ही जो कुछ भी टूटा है या प्रतीत सा होता है मेरे अंदर कहीं, सिलता हूँ उसको इसी तरह। सुई जब चलती है धागे का बो...

एक भ्रम कहीं।

कहीं कोई स्वप्न देख रहा है और हम सब किरदार हैं उस स्वप्न के कुछ सहमे हुए, कुछ हँसते-खेलते, कुछ रोते हुए। हजारों आकाशगंगाएं, धरती, आसमान, सूरज चाँद-तारे आसमान भी क्या बस भ्रम ध...

सभी एक से लोग।

एक बहुत बड़ी हवेली जिसके अंदर सभी लोग दुनियाभर के एक जैसे दिख रहे हैं एक ही जैसे हैं इसके हर तरफ बहुत घूम लिया लेकिन पता है इसमें कोई दरवाजा नही है न ही खिड़की है कोई। बाहर तो लो...

यूँ खामोशी में।

हजारों सीढ़ियां कोशिशों की, अगर करूं मैं प्रयत्न किसी पर लगाकर जमावड़ा जड़ हो चुके खयालों को कुरेदने की, बीती तारीखों के सायों को दिखाने की आईना; पिता ने अपनी उंगली थमाई महकत...

न कोई आना चाहता है।

वहाँ, जहाँ मैं खुद को पाता हूँ बैठा हुआ निर्जन अकेले में ठहरे हुए गहन खामोश काले दरिया के पास बीहड़ जंगलों की भयावह चुप्पी में वहाँ कोई नहीं आता भटककर भी नहीं न कोई आना चाहता ...