Skip to main content

Posts

Showing posts with the label राजनीति।

लोकतंत्र के सर पर।

लटकी हुई हैं आँखे भटकती हैं चौराहे पर पीठ में लटकाकर एक झोला बड़ा सा जिसमें लोकतंत्र हो सकता है संविधान हो सकता है धर्म हो सकता है पूजा हो सकती है, इबादतें हो सकती हैं, खाक हुई ...