Skip to main content

Posts

Showing posts with the label मासूमियत

तुमको छोड़ दिया गया...

उस दहलीज पर उम्र की तुम मासूमियत की पनाह में थी आज भी हो तुम तो, कोख में पल रही एक तबस्सुम और तुम चली आयी वहां से! या तुम्हे समझकर जाल मकड़ी का घर की बैठक के किसी कोने में साफ कर दि...