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चढ़ाई...

उसने वेदना के भीतरी स्वरों को महसूस करते हुए वो जो बहते हैं तुम्हारी आँखों की गहराइयों से और गिरकर जमीन पर पसीने की बेरंग शक्ल में खुशबू पैदा करती है मिट्टी में, अपना हाथ ब...