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' मैं ' (मांडूक्य उपनिषद् के प्रकाश में)

एक पैसेंजर ट्रेन,  प्लेटफार्म पर रुकती है,  कुछ यात्री अपना सामान लिए हुए  चढ़ते और उतरते हैं,  स्टेशन मास्टर देख रहा है  ट्रेन के गुजरने के बाद  एक गुड्स ट्रेन रुकती है  कुछ हलचल होती है और  स्टेशन मास्टर देख रहा है  इसके बीत जाने पर  प्लेटफॉर्म पर कोई ट्रेन नहीं,  खाली प्लेटफॉर्म, और स्टेशन मास्टर देख रहा है! मैं जागा, नींद से,  और नींद में सपनों में रहा  और फिर गहरी नींद में उतर गया  और तीनों अवस्थाओं में  सिर्फ ' मैं ' था जो कि अकेला सच है। Dr. Deepak Bijalwan  13.1.24 (Van Gogh's painting taken from- https://colegioamericanopereira.edu.co/?u=vivaces-inspir%C3%A9-des-racines-de-van-gogh-qq-A4Vy61tx)