Skip to main content

Posts

Showing posts with the label माँ

और सामने होती हो तुम...

मैं लेकर आया चंद बून्दें उस दरिया से जहाँ पहुंचा मैं कुछ पेचीदा रास्तों से होकर और लिख दिया तेरा नाम एक सादे कागज पर, और हां मुकम्मल हो गयी एक कहानी, ये महसूस भी नही होता कि क...

चाँद

चाँद चाँद की सबसे बड़ी खूबसूरती यह है कि आप इसको जितनी देर हो सके देख सकते हैं। ये आपकी आंखों को चुभेगा नही सूरज की तरह। इसको देखना सिर्फ सुकून देगा। आँखों को जहन को। आंखों क...

खलिहान में वो

खलिहान में वो...... धधकती धूप में सर पर कपड़ा रखके हांफते बैलों की साँसों को हल्का करके कुछ देर सुस्ताने पेड़ की छांव में आया है वो। वाकिफ़ है वो हर पहलू से खलिहान के क्योंकि अक्सर ...