"वक्त की पीठ पर" डॉ० दीपक बिजलवान का हिंदी कविता संग्रह है। "छणों को बटोरने के द्वंद में यही बात गूंजती है कि अब भी वक्त है जो हमारे साथ होना और रहना चाहता।" यह कहते हुए वरिष्ठ हिंदी कवि लीलाधर जगूरी अपना प्राकत्थन लिखते हैं।
आगे वो लिखते हैं कि कविता में आते हुए और जाते हुए समय दोनों की आहट होनी चाहिए। वक्त के कई बिंबों को जिन्दगी के अनुभवों के साथ महसूस करके रची गई इस संग्रह की कविताएं आपके लिए मौजूद हैं। समय साक्षय प्रकाशन देहरादून के सौजन्य से किताब जल्द ही आपके हाथों में होगी।
8.02.2023
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Dr. Deepak Bijalwan
Poet, Translator