जिस दिन से चला हूँ मेरी मंजिल पे नज़र है,
आँखों ने कभी मील का पत्थर नही देखा।
वास्तव में आपकी मंजिल बहुत दूर है, मंजिल की राह पर आप यूं कि कीर्तिमान स्थापित करते रहें।
मित्रों आज मैं आपका परिचय एक ऐसी शख्सियत से करवाना चाहता हूं जो हमारे गढ़वाल के लिए एक गौरव है।
इनसे मिलिए-
★नाम- दीपक बिजल्वाण जिन्हें लोग “अनपढ़” के नाम से भी जानते हैं।
★पिता का नाम- श्री(स्व0) देवी प्रसाद
★माता का नाम- श्रीमती पुष्पा देवी
★ग्राम- जखोली, तहसील- गजा, जिला- टिहरी गढ़वाल
★प्राथमिक शिक्षा- सरस्वती शिशु मंदिर और राजकीय इंटर कॉलेज चाका (टिहरी) में हुई।
★उच्च शिक्षा (बीएससी)- गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार उत्तराखंड
★एम0ए0 (अंग्रेजी साहित्य)- हेमवती नंदन गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से
★वर्तमान में पीएचडी (अंग्रेजी साहित्य) - हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय
रुचि-
साहित्य, दर्शन, कॉस्मोलॉजी और मनोविज्ञान के प्रति लगाव बचपन से इनके अंदर रहा, साहित्य के प्रति रुझान होने के कारण कक्षा- 8 से ही कविताएँ लिखने लगे।
सबसे बड़ी खासियत यह है कि इनकी अंग्रेजी, हिंदी और गढ़वाली भाषा में अच्छी खासी और समान पकड़ है।
★साहित्य के जुनून के कारण ही इन्होंने विज्ञान विषय को छोड़कर साहित्य की तरफ पूर्णतः रुख किया।
साहित्य सृजन-
बचपन से ही साहित्य के प्रति इनकी दिलचस्पी इनकी विलक्षणता को स्पष्ट करती है,
★इसी के चलते वर्ष 2015 में अंग्रेजी कविता संग्रह “Pages of my College Diary” प्रकाशित की और हिंदी कविता संग्रह “वक्त की पीठ पर” आगे प्रकाशनार्थ है।
★समय-समय पर विभिन्न समाचार पत्रों के लिए कविताएं एवं लेख लिखते रहते हैं।
★कुछ समय पहले अंतराष्ट्रीय जर्नल “इंडो अमेरिकन रिव्यू” में इनका अंग्रेजी भाषा में लिखा शोधपत्र- “ Displacement of female protagonists in select folktales of Uttarakhand” नाम से प्रकाशित हुआ।
अनुभव-
★राज्य सरकार के “उन्नति” प्रोजेक्ट के तहत कुछ समय तक राजकीय इंटर कॉलेज चाका टिहरी गढ़वाल में “English Instructor” के रूप में सेवा दी एवं उन्नति प्रोजेक्ट के तहत भर्ती अंग्रेजी भाषा के शिक्षकों की ट्रेनिंग में “मास्टर ट्रेनर” भी रहे।
★इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी पौड़ी गढ़वाल में शीत सत्र-2017 में “Personality Development and Professional Communication” विषय का शिक्षण करवाया।
नवीनतम प्रकाशन-
★“A stream of Himalayan Melody selected songs of Narendra Singh Negi”
यह किताब हमारी थाती के लोकपुरुष गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी के चुनिंदा गीतों का गढ़वाली से अंग्रेजी भाषा में अनुवाद है।
इन गीतों का अनुवाद हमारी माटी के लाल दीपक बिजल्वाण ने किया है। दीपक अंग्रेजी साहित्य के विद्यार्थी हैं लेकिन गढ़वाल इनकी अपनी भूमि है।
इस पुस्तक में आपको श्री नेगी जी के प्रेम, जनसरोकार, लोकजीवन व पर्यावरण संबंधी गीत व उनका अंग्रेजी अनुवाद पढ़ने को मिलेगा।
इस पुस्तक के प्रकाशन पर श्री नेगी जी व दीपक बिजल्वाण जी को बधाई।
Article by
Vipin Singh Panwar
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Dr. Deepak Bijalwan
Poet, Translator